सरगुजा संभाग में सचिवों ने शासन के आदेश की प्रतियां जलाकर किया विरोध प्रदर्शन
अंबिकापुर/बलरामपुर/उदयपुर। प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ अपनी एक सूत्रीय मांग शासकीयकरण को लेकर 18 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है, जिससे पूरे सरगुजा संभाग में पंचायत स्तर पर संचालित विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न हो रही है। हितग्राही मूलक योजनाओं के प्रभावित होने से ग्रामीणों के सामने संकट खड़ा हो गया है। आक्रोशित पंचायत सचिव जहां एक ओर शासन की ओर से काम पर वापसी के दिए गए 24 घंटे के अल्टीमेटम की प्रतियां जला रहे हैं, वहीं संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में राज्य सरकार होश में आओ, मोदी गारंटी देना होगा के जोशीले नारे भी लगाए गए।
पंचायत संचालनालय, रायपुर ने 21 मार्च को आदेश जारी कर 24 घंटे के भीतर सचिवों को हड़ताल समाप्त कर कार्य पर लौटने का निर्देश दिया था। आदेश में कहा गया था कि हड़ताल समाप्त नहीं करने पर सचिवों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ग्राम पंचायत सचिव संघ ने इस आदेश को मानने से इन्कार करते हुए बलरामपुर जिला मुख्यालय के साप्ताहिक बाजार में विरोध प्रदर्शन किया और आदेश की प्रतियां जलाकर नाराजगी जताई। इन्होंने कहा कि एक अप्रैल को सभी रायपुर में मंत्रालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। पंचायत सचिव संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष श्याम कुमार साहू, सरगुजा के जिला सचिव सुनील विश्वास, पंचायत सचिव श्वेता कुशवाहा, बलरामपुर जिला अध्यक्ष राजेंद्र पटेल ने कहा जब मौजूदा सरकार विपक्ष में थी, तब हमारे हक के लिए बड़े-बड़े वायदे किए गए थे, सत्ता में आने के बाद वे सभी वायदे भुला दिए गए हैं। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जो पंचायत विभाग के मंत्री भी हैं, उन्होंने हमें समर्थन का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वह चुप हैं। जिला उपाध्यक्ष राजा रतन सिंह ने कहा सरकार हमें डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। हमारी एकमात्र मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी। आगे की रणनीति संगठन के नेतृत्व में तय की जाएगी।
उदयपुर में भी जलाई गई सरकार के आदेश की प्रतियां
उदयपुर में भी सचिवों ने सरकार के आदेश को दमनात्मक बताते हुए 22 मार्च को आदेश की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। सचिव संघ ने कहा है कि ऐसे दमनात्कम आदेश से सचिव संघ डरने वाले नहीं हैं। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। अध्यक्ष बाबूलाल दास एवं संरक्षक रामबिलास यादव, नोहर साय, नसीमुद्दीन खान, उपाध्यक्ष खेलो सिंह, सचिव राजेश पैकरा, सह सचिव रूपन सिंह, शिवकुमार यादव, शिवदत्त तिवारी, रामविलास यादव, गोपाल राम, शिव भजन सिंह, छत्रपाल राम, तेज कुमार एकका, शेष कुमारी, रमेश कुमार पांडे, राजकुमार सिंह, रोशन तारा, धनेश्वर राम, बलजीत सिंह, नेपाल सिंह, राजकुमार सिंह, शिव कुमार सिंह, रणजीत सिंह, शारदा सिंह सहित सभी 59 पंचायतों के सचिव ने कहा है कि विधानसभा चुनाव 2023-24 में हुए चुनाव में मोदी की गारंटी में पंचायत सचिव के शासकीयकरण का वादा किया गया। 07.07.2024 को इंडोर स्टेडियम रायपुर के सभागार में सचिव सम्मेलन में मुख्यमंत्री सहित अन्य तथा घोषणा पत्र के संयोजक ने मोदी की गांरटी को पूरा करने तत्काल कमेटी गठन करने की घोषणा की। घोषणा अनुरुप 16.07.2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समिति गठन कर 30 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का उल्लेख किया गया था। इसके पालन में कमेटी द्वारा पंचायत सचिव के शासकीयकरण संबधी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। पंचायत सचिवों को विश्वास था कि बजट सत्र में उन्हें शासकीयकरण का सौगात मिलेगा, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। ऐसे में चार दिनों में ही सरकार के महत्वाकांक्षी योजना एवं निर्माण कार्य ठप हो गए हंै, न ही नवनिर्वाचित सरपंच को प्रभार मिल पा रहा है। पंचायती राज के 29 विभागों के 200 प्रकार से अधिक कार्य प्रभावित हो गए है।

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