रामानुजगंज(विकाश कुमार केशरी)- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा रेत उत्खनन पर 10 जून से 15 अक्टूबर तक रोक व जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के लगातार विरोध के बाद भी ग्राम त्रिशूली एवं पचावल के पांगन नदी से लगातार हो रहे रेत उत्खनन को रोकने के लिए गुरुवार की देर शाम जिला पंचायत सदस्य रामचरित्र सोनवानी धरने पर बैठ गए वहीं सूचना पर रात 1 बजे के करीब सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव दल बल के साथ मौके पर पहुंच धरने का समर्थन किया हुआ वही कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जहां से ट्रक रेत लोड कर हल्दी मोड़ होकर जाती है वहीं पर रात भर डटे रहे। वहीं जनप्रतिनिधियों के धरने को देखते हुए सनावल थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर तैनात था।

                                              गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रोक के बावजूद भी पांगन नदी से बालू का उत्खनन जारी है एनजीटी निर्देश का पालन नही किया जा रहा है, प्रतिदिन 50 से 100 ट्रक में पोकलेन से रेत लोड कर। उत्तर प्रदेश जा रही है वहीं ग्रामीणों का रेत उत्खनन के प्रारंभ से ही आरोप है कि जहां से रेत उत्खनन के लिए लीज शासन के द्वारा दिया गया है वहां से रेत उत्खनन न कर अन्य स्थानों से किया जा रहा है। ग्रामीणों के लगातार विरोध के बाद भी रेत उत्खनन नहीं रोकने के बाद गुरुवार की देर शाम जिला पंचायत सदस्य रामचरित्र सोनवानी ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए वहीं जब इसकी सूचना सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव को मिली तो वह भी अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे एवं अवैध रेत उत्खनन का जमकर विरोध करने लगे। सभी प्रदर्शनकारी हल्दी मोड पर ही रात गुजारे। इस दौरान जनपद सदस्य मुन्नी देवी, सांसद प्रतिनिधि अमित गुप्ता (मंटू) राजेश सिंह, गौतम सिंह ,अमर सिंह अमित दास ,राजू सोनी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

प्लांटेशन एरिया में 2 लेन सड़क का कर दिया निर्माण- ग्राम त्रिशूली के महुआ घाट से रेत उत्खनन करने के लिए वन विभाग के प्लांटेशन एरिया में ठेकेदार के द्वारा टू लेन मिट्टी के सड़क का निर्माण कर दिया गया जिससे बड़ी संख्या में पेड़ पौधे काट दिए गए। सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव एवं जिला पंचायत सदस्य राम चरित्र सोनवानी वन विभाग से तत्काल इस पर कार्यवाही की मांग की।

प्रदर्शन के बाद गायब हो गए सभी ट्रकों के नंबर प्लेट- जब सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव एवं जिला पंचायत सदस्य रामचरित्र सोनवानी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मौके पर धरना दिया तो उस समय रेत उठाने के लिए 40 से अधिक ट्रक थी परंतु जैसे ही धरना प्रारंभ हुआ वैसे ही सभी गाड़ियां जो उत्तर प्रदेश नंबर की थीं सभी के नंबर प्लेट ट्रक के कर्मचारियों के द्वारा निकाल लिए गए।

खनिज विभाग को लिखित एवं मौखिक सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे खनिज विभाग के अधिकारी- ठेकेदार के द्वारा नियम विरुद्ध उत्खनन किए जाने की लगातार लिखित एवं मौखिक शिकायत ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा खनिज विभाग को की गई परंतु खनिज विभाग के अधिकारी इसे देखने तक की जहमत नहीं उठा सके जिस कारण दिन प्रतिदिन ग्रामीणों में एवं ठेकेदार के आदमियों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा होते जा रही है। खनिज विभाग के अकर्मण्य रवैया के कारण कभी भी क्षेत्र में अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है।

पांगन नदी का रेत ऊंचे दाम में बिकता है उत्तर प्रदेश में- पांगन नदी का रेत अच्छे क्वालिटी का माना जाता है वहीं इसकी डिमांड उत्तर प्रदेश में बहुत है जिस कारण यहां से बालू बनारस, गाजीपुर, बलिया, मऊ, इलाहाबाद, लखनऊ ,कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों तक जाता है।

कभी भी घट सकती है बड़ी घटना- जिस प्रकार से रेत उत्खनन को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश है एवं दिन प्रतिदिन यह आक्रोश बढ़ते ही जा रहा है वहीं दिन प्रतिदिन उत्तर प्रदेश से बालू लोड करने वाली ट्रकों की संख्या में इजाफा हो रहा है वहीं उत्तर प्रदेश के रेत माफिया भी क्षेत्र में सक्रिय हो रहे हैं एवं उनके लोग भी बड़ी संख्या में क्षेत्र में आ रहे हैं इससे किसी बड़ी घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता है समय रहते प्रशासन को इस पर ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा है रेत उत्खनन का क्षेत्र- जहां पर रेत उत्खनन हो रहा है वहां पांगन नदी के एक ओर से छत्तीसगढ़ की सीमा है तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की प्रारंभ हो जाती है ऐसे में यहां रेत उत्खनन को लेकर जिस प्रकार से माहौल निर्मित हो रहा है वह निश्चित रूप से क्षेत्र की शांति पर गंभीर खतरा है।

इस संबंध में कलेक्टर श्याम धावडे ने कहा कि जिला स्तर की टीम मौके पर भेजी जाएगी साथ ही एसडीएम को भी निर्देशित किया गया है कि मौके का निरीक्षण करें इसमें जो भी वैधानिक कार्यवाही हो वह की जाएगी।

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