दैनिक छत्तीसगढ़ फ्रंटलाइन ने दूरभाष पर जब श्रीचंद सुंदरानी से बात की तो उन्होंने कहा कि मै अब सिर्फ शहर जिला अध्यक्ष हूँ, उन्होंने कहा कि पी. एल. पुनिया के मामले में मै अपने बयान पर अडिग हूँ, उन्होंने कहा कि खुद पुनिया जी को अपने सरकार के कोविड 19 अस्पताल पर भरोसा नहीं है,तो जनता का क्या हाल होगा क्यों उन्होंने दिल्ली जा कर कोरोना टेस्ट करवाया। उन्होंने त्रिवेदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्ता के मद में वे सब भूलते जा रहे है,मैं अब शहर जिला अध्यक्ष हूँ , प्रवक्ता नहीं हूँ।
शैलेश नितिन त्रिवेदी का व्यक्तित्व कांग्रेस समर्थित व्यक्तित्व रहा है वह हमेशा कांग्रेश के सिपाही की तरह काम करते रहे है, छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद पहले बने मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत के जोगी के मुख्य प्रवक्ता रहे हैं लेकिन स्वर्गीय अजीत जोगी को जब कांग्रेस की सदस्यता से जब निकाल दिया गया तो शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जोगी से पल्ला झाड़ लिया और पुनः कांग्रेस में शामिल हो गए
वहीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रहे भूपेश बघेल के साथ मीडिया के लिए कदम से कदम साथ मिलाते चलते रहे और अंत में भाजपा को करारी शिकस्त दिलाकर प्रदेश कांग्रेस को सत्ता में लाकर खड़ा कर दिया और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी जाने-माने लगे।
जब मुख्यमंत्री श्री बघेल ने निगम अध्यक्ष पद का बंटवारा किया तो त्रिवेदी उनके गुड़ लिस्ट में शामिल थे,उन्होंने शैलेश नितिन त्रिवेदी जो पढ़ने लिखने लिखने में माहिर माने जाते हैं उन्हें पाठ्य पुस्तक पुस्तक निगम का अध्यक्ष पद दिया गया गया।
शैलेश नितिन त्रिवेदी जबसे पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष बने हैं फिर भी संचार विभाग के पद से इस्तीफा देना छोड़ बल्कि पाठ्य पुस्तक निगम के कार्य से ज्यादा वह संचार विभाग का कार्य ही बड़े तल्लीनता से कर रहे हैं ऐसे में उन्हें पाठ्य पुस्तक निगम का पद या संचार विभाग प्रमुख का पद स्वमेव छोड़ देना चाहिए, उन्हें संज्ञान में होना चाहिए कि संचार विभाग में और भी कई प्रवक्ता हैं जो संचार विभाग का कार्य बहुत ही अच्छे से देख सकते हैं।

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