अंबिकापुर। सरगुजा जिला के कमलेश्वरपुर थाना अंतर्गत पुलिस ने भोले-भाले मांझी परिवार के सदस्यों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के मामले में एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
थाना क्षेत्र के ग्राम केसरा निवासी धर्म रक्षा समिति में खण्ड संयोजक दिलवर यादव पिता रामअवध यादव 40 वर्ष ने पुलिस को बताया है कि ग्राम सरभंजा की आरती मांझी के द्वारा गांव के मांझी परिवार के बच्चों को बहला-फुसला कर पैसे का लालच देकर जबरन धर्म परिर्वतन कराया जा रहा है। इसकी जानकारी बच्चों के परिजनों को भी नहीं है। बताया गया है कि रविवार को ग्राम सरभंजा निवासी आरती मांझी पति सतराम मांझी 30 वर्ष के द्वारा लगभग 9.30 बजे गांव की छोटी बच्चियों को ग्राम बरिमा में स्थित चर्च में धार्मिक संस्कार कराने के लिए ले जाया जा रहा था। इसकी जानकारी बच्चियों परिवार के सदस्यों और धर्म रक्षा समिति मैनपाट को मिली और वे मौके पर पहुंचे। समिति के हेमन्त गुप्ता, जितेश गुप्ता, मुकेश गुप्ता, अकाश गुप्ता ने गांव के लोगों के साथ बातचीत किया और मौके पर इसका विडियो भी बनाया। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने बालिकाओं के स्वजनों का बयान दर्ज किया है। परिजनों भी आरोपिया के द्वारा उनकी जानकारी में दिए बगैर आरोपिया द्वारा नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसला और प्रलोभित करने और धर्म परिवर्तन करने के मकसद से चर्च ले जाने का आरोप लगा रहे हैं। महिला ग्राम सरभंजा के मांझी परिवार के 6 बालिकाओं को चर्च लेकर जाती थी। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 5(क) तहत अपराध दर्ज किया है।

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