राजस्व अमले का एक वर्ष बीतने के बाद भी नहीं मिल पाया सहयोग
छ.ग.फ्रंटलाइन अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के पुरा संपदा, पुरातात्विक स्थलों के सीमांकन, चिन्हांकन के कार्य में दरिमा क्षेत्र के राजस्व अमले द्वारा असहयोग से होने वाली दिक्कतों की ओर संरक्षक जिला पुरातत्व संघ सरगुजा कमलाकांत शुक्ला ने कलेक्टर को अवगत कराया है। संघ के संरक्षक ने बताया कि एक वर्ष से वे सरगुजा संभाग आयुक्त व सरगुजा कलेक्टर के आदेश, निर्देश का हवाला देते हुए ऐसे स्थलों का सीमांकन कार्य कराने में सहयोग का आग्रह तहसीलदार से स्वयं मिलकर कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी ओर से सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। राजस्व निरीक्षक व पटवारी ऐसे हैं, जो मोबाइल फोन उठाना भी उचित नहीं समझते हैं।
बता दें कि सरगुजा संभाग की नदी, घाटियों की पाषाणकालीन सभ्यता एवं नवीन पुरातात्विक, ऐतिहासिक तथा संस्कृति की डॉक्यूमेंट्री तैयार करने एवं ऐसे नवीन स्थलों को चिन्हांकित करने के संबंध में आयुक्त सरगुजा संभाग ने कलेक्टर सरगुजा, कोरिया, जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज को एक अप्रैल 2022 को पत्र लिखा था। इसमें उल्लेख किया गया था कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप सरगुजा संभाग में नदी घाटी, पाषाणकालीन सभ्यता एवं नवीन पुरातात्विक, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना के तहत संभाग के सभी जिलों की गठित कमेटी के द्वारा समय-समय पर सर्वे किया गया है। इसके अंतर्गत पुरास्थलों एवं नदी, घाटी सभ्यता युक्त स्थलों को चिन्हांकित किया जाना है। इस हेतु प्रत्येक जिले के तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी एवं वन विभाग के कर्मचारियों को संरक्षक जिला पुरातत्व संघ सरगुजा कमलाकांत शुक्ला को सहयोग करने के लिए अपने स्तर से यथोचित आदेश प्रसारित करने कहा गया था। यह भी अवगत कराया गया था कि ऐसे स्थलों पर स्थानीय लोगों के द्वारा अवैध कब्जा भी किया गया है, इन्हें हटाने की कार्रवाई भी की जानी है, ताकि भविष्य में विवाद की स्थिति न बनने पाए। संभाग आयुक्त से मिले निर्देश के पालन में कलेक्टर सरगुजा ने संबंधितों को कार्यालयीन पत्र के माध्यम से पुरातात्विक, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों के चिन्हांकन कार्य में सहयोग के लिए आदेशित किया था। संभाग व जिला अधिकारी के आदेश-निर्देश के बाद भी संरक्षक जिला पुरातत्व संघ सरगुजा कमलाकांत शुक्ला को आज पर्यंत दरिमा तहसीलदार व राजस्व अमले का चिन्हांकन कार्य में सहयोग नहीं मिल पाया है, जिससे शासन की ऐसे स्थलों के संरक्षण की मंशा पूरी नहीं हो पाई है। बहरहाल कलेक्टर सरगुजा का पुन: ध्यानाकर्षण कराने के बाद पुरातात्विक, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों के डॉक्यूमेंट्री कार्य में बनी अवरोध की स्थिति से निजात मिलने की उम्मीद है।