बिलासपुर । कोटा क्षेत्र के ग्राम गोबरीपाट में चोरों ने सूने मकान को निशाना बनाया । कोटा थाने में पदस्थ एएसआइ हेमंत पाटले ने बताया कि गोबरीपाट में रहने वाली सुशीला सोनी गृहणी हैं। वे अपने परिवार के साथ बिलासपुर में रहती हैं।
गोबरीपाट स्थित उनके मकान में ताला लगा रहता है। कुछ दिन पहले ही सुशीला अपने मकान में आई थीं। इस दौरान यहां पर सब कुछ ठीक था। इसके बाद वे मकान में ताला लगाकर बिलासपुर चली गई थीं।
मकान का ताला टूटा, सामान बिखरा हुआ
शुक्रवार 29 नवंबर को वे धान बिक्री का टोकन कटवाने के लिए आई थीं। इस दौरान उनके मकान का ताला टूटा था। दरवाजा खोलकर वे अंदर गई तो सामान बिखरा हुआ था। ताला तोड़कर घुसे चोरों ने आलमारी से करीब 10 लाख के जेवर पार कर दिए थे। पीड़ित ने तत्काल इसकी जानकारी अपने बेटों को दी।
डाग स्क्वायड को मौके पर बुलाया गया
साथ ही कोटा थाने में इसकी शिकायत की। इस पर कोटा पुलिस की टीम गांव पहुंच गई। साथ ही डाग स्क्वायड को मौके पर बुलाया गया। पुलिस की टीम ने गांव में पूछताछ के बाद एक संदेही को हिरासत में लिया है। उससे घटना के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
एफआइआर करने टालमटोल करती रही पुलिस
पीड़ित सुशीला सोनी के बेटे चंदू सोनी ने बताया कि मकान में चोरी की सूचना पर वे गांव पहुंचे। इसके बाद वे मामले की शिकायत करने कोटा थाने पहुंचे। इस बीच पुलिस की टीम गांव पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई। इधर उनकी शिकायत दर्ज करने पुलिस आनाकानी करने लगी।
पुलिस ने करीब दस लाख की चोरी दर्ज करने के बजाए उन पर कम रुपये के जेवर चोरी होने की शिकायत करने दबाव बनाया। इस पर उन्होंने कम चोरी की शिकायत करने से इन्कार कर दिया। तब पुलिस भी जुर्म दर्ज करने इन्कार करती रही। देर रात तक पुलिस ने उनकी शिकायत पर जुर्म दर्ज नहीं किया था।
आदतन बदमाश पर संदेह
पीड़ित ने बताया कि गांव में रहने वाले आदतन बदमाश पर उन्हें संदेह है। उसकी गतिविधियां हमेशा से संदिग्ध रही है। कुछ दिन पहले भी गांव में एक शिक्षक के घर चोरी हुई थी। इस मामले में भी आदतन बदमाश पर संदेह था। इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इधर पुलिस के रवैये के कारण बदमाशों के हौसले बुलंद हैं।