अंबिकापुर। जनजाति सुरक्षा मंच सरगुजा ने जिला स्तरीय बैठक की, जिसमें क्षेत्र संयोजक कालू सिंह मुजाल्दा शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है अनुच्छेद 342 में संशोधन करके जनजाति समाज के रीति-रिवाज, परंपरा, रूढ़ी को छोड़ चुके धर्मांतरित जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर किया जाए और जनजाति समाज को शत-प्रतिशत आरक्षण और सरकारी सुविधा दी जाए। इसके लिए पूरे देश में डी-लिस्टिंग आंदोलन किया जा रहा है। जिला एवं प्रदेश की महारैलियां संपन्न हो चुकी हैं। अब दिल्ली में दस लाख से अधिक जनजातियों के द्वारा महारैली आयोजित की जाएगी और सरकार से अनुच्छेद 342 में संशोधन करने की मांग की जाएगी।

बैठक में प्रांत सह संयोजक इन्दर भगत ने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच ने पूरे देश के जनजातियों को एक विषय के लिए एकजुट कर दिया है, सभी समाज मिलकर डी-लिस्टिंग की आवाज उठा रहे हैं। जनजाति समाज ने देश भर में लगभग 300 जिले में रैलियां करके कहा है कि-जो नहीं भोलेनाथ का, वो नहीं हमारे जात का। अनुसूचित जनजाति वर्ग को आरक्षण उसकी विशिष्ट संस्कृति, परंपराओं के लिए दिया जाता है, लेकिन जो इन्हीं विशेषताओं को छोड़ा है, वही इसका सबसे ज्यादा लाभ उठा रहे हैं। इससे इस समाज के साथ बड़ा संवैधानिक और सामाजिक अन्याय हो रहा है। मूल समाज को ही शत-प्रतिशत आरक्षण और शासकीय सुविधाएं मिलनी चाहिए। बैठक को प्रांत संरक्षक बंशीधर उरांव ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों का योगदान देश को विधर्मियों से बचाने के लिए था, उनकी गुलामी से मुक्ति के लिए था और इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हम लोग यह आंदोलन कर रहे हैं। डी-लिस्टिंग के बिना जनजाति समाज का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। संस्कृति बचेगा तभी समाज बचेगा। प्रांत संरक्षक डॉ. आजाद भगत ने कहा कि धर्मांतरण के चलते जनजाति समाज में पारिवारिक और सामाजिक तनाव और विघटन हो रहा है। सामाजिक और पारिवारिक व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही हैं, डी-लिस्टिंग कानून के माध्यम से ही इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। धर्मांतरित जनजातियों के द्वारा आरक्षण का बहुत बड़ा हिस्सा का उपभोग करने के चलते जनजाति समाज अपने मूल हक अधिकार को प्राप्त नहीं कर पा रहे हंै। इस अन्याय को दूर करते हुए अनुच्छेद 342 में संशोधन किया जाना चाहिए। बैठक का संचालन रामबिहारी सिंह पैंकरा और आभार प्रदर्शन देवनारायण भगत ने किया। बैठक में नाथूराम भगत, जगनाराम प्रधान, भगत राम, आशाराम भगत, उदयभान, पावन पूर्णाहुति भगत, सचिन भगत, उमेश किस्पोट्टा, बालमुनि प्रधान, शिलो भगत, श्रीराम भगत, बलराम भगत, अनामिका सिंह पैंकरा, रमेश पैंकरा, प्रकाश सिंह श्याम, विनीत, विकास भगत, सुमित्रा कुजूर, अंजना कुजूर, सुरेंद्र कुमार, शीबर साय, कृष्ण कुमार कोरवा, परशुराम कोरवा, ढोला राम निवासी, अमर जीवन सहित सुरक्षा मंच के अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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