एसडीएम ने 50 डिसमिल भूमि का महिला परिचितों के पक्ष में तैयार कराया पॉवर ऑफ अटार्नी

अंबिकापुर। शासन की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के अनुक्रम में एन्टी करप्शन ब्यूरो इकाई अंबिकापुर के द्वारा सरगुजा जिला के उदयपुर एसडीएम भागीरथी खाण्डे (बी.आर. खाण्डे) सहित 04 लोगों को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा है। एसडीएम स्तर के अधिकारी पर बड़ी कार्रवाई लंबे समय बाद हो पाई है। एसडीएम के पकड़े जाने की सूचना फैलते ही एसडीएम कार्यालय में हड़कंप की स्थिति बन गई।

जानकारी के मुताबिक 07 मई 2024 को कन्हाई राम बंजारा निवासी ग्राम जजगा वार्ड नंबर 13, तहसील उदयपुर, जिला सरगुजा के द्वारा एसीबी इकाई अंबिकापुर में शिकायत प्रस्तुत की गई थी कि ग्राम जजगा स्थित भूमि खसरा नं. 69/31, 70/1 एवं 1004/8 रकबा कमश: 0.251, 0.635 एवं 0.243 हेक्टेयर जमीन उसके तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर है। कई वर्षों से उस पर मकान बनाकर काबिज हैं, किन्तु उसके बड़े पिता द्वारा जमीन को केवल अपने नाम पर दर्ज कराने हेतु तहसील में आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिस पर प्रार्थी द्वारा आपत्ति दर्ज की गई थी। प्रार्थी ने बताया था कि तत्कालीन तहसीलदार उदयपुर के द्वारा उसके बड़े पिता, उसके तथा अन्य परिजनों के नाम पर राजस्व रिकार्ड दुरूस्त करने का आदेश दिनांक 21.09.2022 को दिया था। आदेश के उपरांत उसके बड़े पिता के द्वारा पुन: 09.11.2022 को एसडीएम उदयपुर के पास आदेश दिनांक 21.09.2022 के विरूद्ध अपील प्रस्तुत किया था, इसके संबंध में प्रकरण लंबित है। प्रकरण में उसके तथा अन्य परिजनों के पक्ष में आदेश पारित करने के एवज में एसडीएम उदयपुर बी.आर. खाण्डे के द्वारा 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। प्रार्थी ने परेशान होकर एसडीएम को रिश्वत नहीं देने की ठान ली और रंगे हाथों पकड़वाने की मंशा रखकर एसीबी इकाई अंबिकापुर में शिकायत करने पहुंच गया था। शिकायत प्राप्त होने व शिकायत का सत्यापन कराने पर एसीबी के अधिकारी ने शिकायत को सही पाया और एसडीएम उदयपुर बी.आर. खाण्डे को रिश्वत की रकम लेते वक्त पकड़ने की योजना बनाई गई। रिश्वत खोरों के विरूद्ध ऐसी कार्रवाई सतत जारी रहने की बात एसीबी द्वारा कही गई है। रिश्वत मांगने वालों के विरूद्ध लोगों से सामने आने की अपील भी एसीबी नेे की है।

रिश्वती रकम प्राप्ति की कड़ी एक के बाद एक ऐसे जुड़ी
21 जून 2024 को प्रार्थी को आरोपी एसडीएम को रिश्वत की रकम देने हेतु एसडीएम कार्यालय उदयपुर शाम करीब 06 बजे भेजा गया। प्रार्थी के द्वारा रिश्वत लेन-देन के संबंध में एसडीएम से चर्चा की गई। एसडीएम के द्वारा रिश्वती रकम 50 हजार रुपये अपने बाबू धरमपाल को लेने हेतु कहा गया, जिस पर धरमपाल के द्वारा भृत्य अबीर राम को रिश्वत की रकम को अपने पास रख लेने हेतु कहा गया, जिसे अबीर राम ने अपने हाथों में ले लिया। रिश्वती रकम लेने के पश्चात वह एसडीएम के पास जाकर बोला कि प्रार्थी कन्हाई राम से रिश्वती रकम 50 हजार रुपये उसने प्राप्त कर लिया है, तो एसडीएम द्वारा कहा गया कि उस रकम को गार्ड, नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दो, जिस पर भृत्य ने रिश्वती रकम को एसडीएम के गार्ड नगर सैनिक कविनाथ सिंह को दे दिया। इस दौरान पहले से मुस्तैद एसीबी की टीम द्वारा त्वरित ट्रेप कार्रवाई कर रिश्वती रकम को बरामद कर लिया गया। टीम ने एसडीएम बी.आर. खाण्डे, उनके बाबू, भृत्य एवं नगर सैनिक कविनाथ सिंह को अभिरक्षा में ले लिया है।

कार्रवाई दौरान सामने आया एक अमानवीय पहलू
एसीबी की कार्रवाई के दौरान एक अमानवीय और महत्वपूर्ण पहलू यह भी सामने आया कि प्रार्थी के पक्ष में आदेश करने के एवज में आरोपी एसडीएम बी.आर. खाण्डे ने प्रार्थी एवं उसके परिजनों की ओर से ग्राम जजगा तहसील उदयपुर स्थित 50 डिसमिल जमीन को भी अपने महिला परिचितों के पक्ष में बिक्री करने संबंधी पावर ऑफ अटार्नी निष्पादित करा लिया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि भविष्य में उक्त जमीन को अपने पक्ष में करा सके। संबंधित पावर ऑफ अटार्नी की प्रति भी एसीबी के हाथ लग गई है। समस्त आरोपियों की संपत्तियों के संबंध में भी एसीबी के द्वारा गहन जांच प्रारंभ कर दी गई है, इसके बाद महत्वपूर्ण खुलासा होने की प्रबल संभावना है। आरोपियों के विरूद्ध धारा 7, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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