दोनों पक्ष से हुए घायल, तीर धनुष, गुलेल, पत्थर, डंडा वार का देखने को मिला नजारा, क्षेत्र छावनी में तब्दील
अंबिकापुर/उदयपुर। सरगुजा जिले के उदयपुर में पेड़ कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों व पुलिस कर्मियों के बीच गुरूवार को खूनी संघर्ष की स्थिति बन गई। घटना में ग्रामीणों के अलावा 13 पुलिस कर्मी घायल हो गए। आरक्षक भोला राम राजवाड़े को गंभीर प्रकृति का चोट लगने पर अग्रिम ईलाज हेतु रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर रेफर किया गया है। चोटिल पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का इलाज चल रहा हैं। बताया जा रहा है कि जंगल कटाई के लिए पुलिस का पहरा देखने के बाद ग्रामीणों ने तीर-धनुष, गुलेल और पत्थर से हमला किया। दो पुलिसकर्मियों को तीर लगने की खबर है। कई ग्रामीणों के भी हताहत होने की खबर मिcल रही है।
बता दें परसा कोल ब्लॉक के लिए सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के ग्राम साल्ही और आसपास के अन्य ग्रामों के साथ-साथ सूरजपुर जिले के जर्नादनपुर सहित अन्य इलाकों में पेड़ों की कटाई का ग्रामीण लंबे समय से विरोध करने में लगे हैं। आए दिन पुलिस छावनी में इलाके को तब्दील करके जिस प्रकार पेड़ों का सफाया किया जा रहा है, इससे जंगल का अस्तित्व खत्म होने की चिंता बढ़ हुई है। गुरुवार को सुबह से ही सैकड़ों पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का काम चल रहा है, जिसका ग्रामीण और हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य विरोध कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यहां लगभग 6000 पेड़ों की कटाई की जानी है, जिससे लगभग 140 हेक्टेयर जंगल का सफाया होगा, ताकि परसा कॉल ब्लॉक का काम शुरू किया जा सके। सरगुजा और सूरजपुर जिले में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी मौजूदगी के बावजूद ग्रामीणों का विरोध का लगातार जारी है। सरगुजा और सूरजपुर जिले के वन रक्षकों की ओर से पेड़ों की कटाई के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है। कई अधिकारी वनों के विनाश का नजारा खुली आंखों से देख रहे हैं। इस दौरान हसदेव बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य रामलाल के सिर में चोट आने व अन्य दो लोगों के चोटिल होने की खबर मिल रही है। रामलाल पिछले 10 वर्षों से जल, जंगल और जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। आंदोलन का उन्हें प्रमुख चेहरा माना जाता है, जो प्रशासनिक ताकत के आगे लहूलुहान हुए हैं, इसका वायरल वीडियो लोगों को झकझोर रहा है। इधर पुलिस की ओर से बताया ग्राम हरिहरपुर तहसील उदयपुर में 17 अक्टूबर को कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा प्रबंध को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस एवं वन अमले के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था का निर्धारण किया जा रहा था। इस दौरान आसपास के ग्रामीणों को शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु समझाइश दी जा रही थी। प्रशासनिक अमला लगातार ग्रामीणों को कानून व्यवस्था को प्रभावित नहीं करते हुए बातचीत करने का प्रयास कर रही थी, इस दौरान ग्रामीण डंडा, फरसा, गुलेल, तीर धनुष लेकर प्रशासनिक अमले का विरोध कर $कानून व्यवस्था को अपने हाथों मेें ले लिए और पुलिस एवं अन्य सुरक्षा में लगे जवानों पर अचानक हमला कर दिए।
रक्षित निरीक्षक सहित ये पुलिसकर्मी हुए घायल
ग्रामीणों के हमले से 13 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इनमें रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह राजपूत, निरीक्षक आशा तिर्की, निरीक्षक हर्षवर्धन चौरासे, उप निरीक्षक सेतराम गही, सहायक उप निरीक्षक मंजू रानी जिला बलरामपुर, उप निरीक्षक प्रेम सागर खुटिया थाना लखनपुर, उप निरीक्षक भागवत नायकर पत्थलगांव जिला जशपुर, उप निरीक्षक सुनीता भारद्वाज, आरक्षक रामनरेश लकड़ा रक्षित केंद्र अंबिकापुर, महिला आरक्षक सरला टोप्पो रक्षित केंद्र अंबिकापुर, पूनम पैकरा थाना अंबिकापुर, आरक्षक शैलेश सिंह, आरक्षक भोला राम राजवाड़े शामिल हैं। आरक्षक भोला राम को हायर सेंटर उपचार के लिए भेजा गया है।