मामला नशीला पेय पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म व मारपीट के आरोप से जुड़ा
अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में कानून व्यवस्था की दिनोंदिन बिगड़ती स्थिति के बीच कक्षा 12वीं की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म व मारपीट से सनसनी फैल गई। घटना को अंजाम देने वाला एक नाबालिग सहपाठी बताया जा रहा है, जो फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया। इसके पहले युवती के बताए अनुसार घटना थाना क्षेत्र की पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध मारपीट का केस दर्ज किया था। बाद में गैंगरेप का हौव्वा फैल गया। हालांकि चिकित्सक के मुलाहिजा रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है, लेकिन सामूहिक दुष्कर्म नहीं होना बताया गया है। छात्रा की स्थिति को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसआईसीयू में रखा गया है।
स्वजन के मुताबिक सूरजपुर जिले के प्रेमनगर थाना क्षेत्र की कक्षा 12वीं की छात्रा, 12 अक्टूबर को दशहरा पर्व पर होने वाले कार्यक्रम को देखने अन्य लोगों के साथ गई थी। कार्यक्रम को देखने के बाद वे नाश्ता किए। इस दौरान पूर्व में साथ में पढ़े लड़के से उसकी मुलाकात हुई। इस बीच लड़की को पानी प्यास लगी, तो सहपाठी उसके लिए पानी लेने चले गया। पानी पीने के बाद तबियत ठीक नहीं लगने पर वह घर निकलने को हुई तो उसने मोटरसाइकिल से गांव तक छोड़ देने कहा। कथित तौर पर एक मोटरसाइकिल में तीन लड़कों के साथ वह जाने के लिए राजी नहीं हुई। कुछ देर बाद जब वह उठी तो वह चलने-फिरने की स्थिति में नहीं थी। ऐसे में सहपाठी उसे मोटरसाइकिल में गांव की ओर ले गया था। गांव आने तक पानी में कथित रूप से मिलाए गए नशीली चीज के कारण वह बेसुध हो गई थी। स्वजन का आरोप है कि गांव तक आने के बाद लड़के उसे जंगल ले गए और सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिए। दुष्कर्म के बाद लड़की से मारपीट किया गया, जिससे उसका दांत बैठ गया और वह अचेत हो गई थी। इसके बाद लड़के उसे मरा समझकर मौके से निकल लिए थे। होश आने के बाद भी उसकी स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह घर पहुंच सके। इधर लड़की के घर नहीं पहुंचने से परेशान स्वजन उसकी सखी, सहेलियों के घर तक जाकर पूछताछ कर रहे थे। स्वजन का कहना है कि बस्ती में खोजबीन के दौरान गाड़ियों के आने-जाने की आवाज सुनकर पीड़िता किसी तरह सड़क तक आई और घटना के बारे में बताई।
घटना दिनांक के बाद घर नहीं गया था सहपाठी
बताया जा रहा है कि घटना दिनांक 12 अक्टूबर को दशहरा देखने के लिए निकला छात्रा का सहपाठी अपने घर नहीं पहुंचा था। 15 अक्टूबर को सरपंच रामलखन के माध्यम से पुलिस को पता चला कि एक युवक का शव केशवपुर पंडरिया के पास फांसी पर लटका है। इसकी पहचान दुष्कर्म के आरोपित के रूप में हुई है। मृतक के पिता ने संभावना व्यक्त की है कि मारपीट में लड़की के बेहोश होने के डर से वह खुदकुशी जैसा कदम उठाया होगा। बहरहाल मामले की जांच पुलिस कर रही है।
कांग्रेस ने कहा-पूर्व उपमुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर लिखी गई रिपोर्ट
कांग्रेस का आरोप है कि सूरजपुर जिले में युवती को नशीली दवाई खिलाकर सामूहिक दुष्कर्म के बाद बेहोशी की हालत में सड़क किनारे फेंक देने की अमानुषिक घटना सामने आई, इसके बाद से पीड़ित और स्वजन रिपोर्ट लिखाने भटकते रहे। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के हस्तक्षेप पर वारदात के 48 घण्टे बाद पीड़िता की रिपोर्ट लिखी गई और उपचार शुरू हुआ। पुलिस ने प्रतापपुर में मुख्यमंत्री के आने और अधिकारियों की व्यस्तता को कारण बताकर रिपोर्ट दर्ज करने से साफ मना कर दिया। बिना एमएलसी के कोई चिकित्सक पीड़िता का उपचार करने के लिए तैयार नहीं था। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अस्पताल के स्टाफ ने भी थाने को सूचित किया मगर रिपोर्ट नहीं लिखी गई। प्रेमनगर के पूर्व विधायक खेलसाय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को समूचे घटनाक्रम से अवगत कराया। उन्होंने आईजी अंकित गर्ग से बात करके तत्काल रिपोर्ट दर्ज करने और एमएलसी कराने कहा जिससे पीड़िता को बेहतर उपचार मिल सके। सिंहदेव ने पुलिस के गैर जिम्मेदार और अमानवीय रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है।
कांग्रेस की टीम करेगी मामले की जांच
प्रदेश के प्रथम उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को देर रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पीड़ित युवती और स्वजनों से मिला। पीड़िता ने इन्हें बताया कि आरोपी उसके साथ ही स्कूल में पढ़ता था, उसी ने दवा बताकर कुछ खाने को दिया। अर्ध बेहोशी की स्थिति में वह साथियों ने दुष्कर्म किया और खूब मारा पीटा। होश आने पर वह सड़क किनारे पड़ी थी। कांग्रेस की टीम और स्वजन उपचार की व्यवस्था से असंतुष्ट रही। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल अस्पताल पहुंचा, इसके बाद उसे स्ट्रेचर से बेड पर लिटाकर उपचार शुरू किया गया, इससे पहले वह करीब दो घण्टे स्ट्रेचर में ही पड़ी थी। युवती के आंख, हाथ, सिर और चेहरे में गंभीर चोट लगी है।

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