वन विभाग का दवा पोस्टमार्टम के बाद होगा खुलासा

रामानुजगंज(पृथ्वी लाल केशरी) वन परिक्षेत्र रामानुजगंज अंतर्गत ग्राम महावीरगंज में रविवार रात लगभग 9 बजे बस्ती के समीप एक नर हाथी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वन विभाग के आला अफसर का दावा है कि जिस हाथी की मौत हुई है उस हाथी की निगरानी वन विभाग कर रहा था अब सवाल यह उठता है कि जब वन विभाग की निगरानी में हाथी की मौत हो गई तो इसके लिए दोषी कौन है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए और उनका जांच भी बैठना चाहिए लेकिन बलरामपुर जिले में जिस तरह से मौत का सिलसिला जारी है उससे ऐसा ही लगता है कि सारे सिस्टम को रिप्लेसमेंट करना अति आवश्यक है। इस जिले में अफसरो की अफसर शाही ऐसी हो गई है कि लोगों की जान माल की रक्षा करने में अक्षम साबित हो रहे हैं लेकिन वही अफसर मौत के बाद तत्काल अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं अगर ऐसी उस्थिति शुरुआती दौर में ही दर्ज करा देते तो शायद जिले में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है खैर इस व्यवस्था के लिए तो पूर्ण रूप से इस क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का दायित्व बनता है लेकिन अब वह अपना दायित्व नहीं निभा पा रहे हैं तो इसका खामियाजा लोगों को तो भुगतना ही पड़ेगा। और यह कब तक भुगतना पड़ेगा इस बात का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाथी की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग और प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। वहीं देर रात बलरामपुर के डीएफओ आलोक बाजपेई
रामानुजगंज के एसडीएम अरविंद नेताम मौके पर पहुंचे जहां भारी संख्या में ग्रामीण लोग मौजूद थे।

मृत हाथी का विभाग कर रहा सुरक्षा

सुरक्षा के दृष्टि से वन विभाग ने मृत हाथी के चारों ओर घेराव करा दिया है। वही वन विभाग का दावा है कि मृत नर हाथी वाड्रफनगर रजखेता से होते हुए रामानुजगंज वन परिक्षेत्र में प्रवेश किया था। इसके बाद से ही विभागीय टीम उसकी निगरानी कर रही थी। दिनभर वह बसकटिया के जंगल और आसपास के क्षेत्रों में देखा गया था। रात 9 बजे के करीब उसकी अचानक मौत हो गई। हाथी की मौत महावीरगंज निवासी रामबरन कोडाकू पुत्र स्व. जोखन कोडाकू के घर के सामने हुई है। अब सवाल यह उठता है कि जब हाथी वन विभाग के देखरेख में था तो उसकी मौत कैसे हो गई? यह जांच का विषय है। अब वन विभाग के आला अधिकारियों का दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि हाथी की मौत कैसे हुई। ग्रामीण जन इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि जिस तरह से हर बार मौत के बाद डॉक्टरी पोस्टमार्टम का हवाला दिया जाता है और इसी के आड़ में लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होती? इस बार भी लोगों को डॉक्टरी मुलाहिजा का बेसब्री से इंतजार है।

Categorized in: