किसानों की चिंता बढ़ी, जनपद अध्यक्ष के साथ कलेक्टोरेट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन
अंबिकापुर। धान खरीदी से पूर्व किसानों की गिरदावरी जांच कर उसका ऑनलाइन अपलोड डाटा नहीं दिख रहा है। सॉफ्टवेयर में हुई गड़बड़ी के बाद बनी स्थिति ने कई गांवों के किसानों को चिंतित कर दिया है। इधर 15 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ होगी, डाटा नजर नहीं आने की स्थिति में किसानों को धान बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मंगलवार को जनपद अध्यक्ष के साथ पहुंचे किसानों ने इसकी शिकायत कलेक्ट्रेट पहुंचकर की।
जनपद पंचायत अंबिकापुर के अध्यक्ष विक्रम सोनपाकर के साथ कलेक्टोरेट आए ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव कुल्हाड़ी, बलसेड़ी व खलीबा के गिरदावरी का डाटा ही शासन द्वारा जारी किए गए एग्रीस्टेक पोर्टल में नहीं दिख रहा है। इस संबंध में जब उन्होंने गांव के हल्का पटवारी से जानकारी ली तो उन्होंने पूरे गांव के गिरदावरी की रिपोर्ट जमा कर देने की बात बताई। इसके बाद ऑनलाइन रिकार्ड नहीं दिखाने के कारण किसानों का पोर्टल में पंजीयन ही नहीं हो पा रहा है। किसानों ने सत्र 2025-26 का फसल विवरण प्रविष्ट नहीं करने का आरोप लगाते हुए इसके लिए पटवारी को जिम्मेदार ठहराया है। किसानों का कहना है कि ऑनलाइन प्रविष्टि की जांच करने पर किसी के फसल का विवरण प्रदर्शित नहीं हो रहा है, जिससे आने वाले दिनों में उन्हें अपने धान का फसल विक्रय करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और वे धान बेचने से वंचित हो सकते हैं। किसानों का कहना है कि उनके द्वारा धान की बोआई के समय ही खेती के लिए बैंक से ऋण लिया है, अगर उनकी फसल ही नहीं बिकी तो वे अपने ऋण का भुगतान कैसे करेंगे। किसानों ने कलेक्टर से इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। किसानों की समस्या को लेकर अधिकारियों का कहना है कि यह समस्या केवल तीन गांवों या सरगुजा जिले तक ही सीमित नहीं है बल्कि राज्य के कई जिलों में ऐसी समस्या सामने आ रही है। 30 सितम्बर को गिरदावरी का कार्य पूर्ण होने के बाद उसकी रिपोर्ट निकाली जा रही थी, तभी सॉफ्टवेयर से रिपोर्ट नहीं निकली। इसकी जानकारी शासन को प्रेषित कर दी गई है। गड़बड़ी को ठीक करने के लिए प्रयास जारी है, जल्द ही सॉफ्टवेयर से सारा डाटा रिकवर कर लिया जाएगा।
बयान
ऐसी समस्या सिर्फ सरगुजा में नहीं है। गिरदावरी का कार्य पूरा कर उसकी प्रविष्टि की जा चुकी है, किसी कारणवश डाटा सॉफ्टवेयर में नहीं दिख रहा है। इसकी जानकारी शासन को भेजी जा चुकी है। जल्द ही इसमें सुधार हो जाएगा। धान खरीदी का कार्य इससे प्रभावित नहीं होगा।
उमेश्वर सिंह बाज, तहसीलदार अंबिकापुर

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