रामानुजगंज(विकाश कुमार केशरी)- छत्तीसगढ़ के बिल्हा विधानसभा के 18 मजदूर झारखंड में फंसे थे जिन्हें झारखंड पुलिस के द्वारा छत्तीसगढ़ बॉर्डर भेजने की जगह उत्तर प्रदेश बॉर्डर भेज दिया गया जिससे वे मजदूर मासूम बच्चों के साथ 3 दिन परेशान रहे बहुत जतन के बाद आज दोपहर लगभग 1 बजे रामानुजगंज पहुंचे जहा उन्हें गर्म भोजन देने के बाद बिलासपुर बिल्हा के लिए भेजा गया।
बिल्हा विधानसभा के ग्राम भैंसबोर के अजीत कुमार कोसले, मनीष कोसले ,दुकाल दास कोसले, काशीराम बघेल, नीरा कोसले ,भाग भाई बघेल सहित 18 मजदूर झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के ग्राम घाटकीडी में ईट बनाने का कार्य करने गए थे जो इट भट्टा में कार्य कर रहे थे परंतु पहले लगातार बारिस होते रहने और फिर लॉकडाउन हो जाने के कारण वहां मात्र एक महीना ही काम कर पाए उसके बाद जब तक पैसा रहा तब तक खाना पीना खा सके पैसा खत्म होने के बाद वे काफी परेशानी में पड़ गए। जिसके बाद झारखंड के कलईकला थाना के द्वारा मजदूरों को छत्तीसगढ़ बॉर्डर भेजने की जगह उत्तर प्रदेश बॉर्डर भेज दिया गया जिससे वे नगर उंटारी पहुंच गए एवं 3 दिनों तक काफी परेशान रहे तीन दिनों बाद आज दोपहर 1 बजे के लगभग रामानुजगंज पहुंचे जहां उन्हें भोजन करा बिलासपुर के लिए रवाना किया गया।
जानवर के खाने से बदत्तर मिला खाना – छत्तीसगढ़ के मजदूरों ने बताया कि झारखंड के नगर उंटारी में ऐसा भोजन मिला इंसान तो क्या जानवर भी नहीं खा सकते थे जिस कारण हम लोग शनिवार को भूखे रहे। मिक्चर बिस्किट खिलाकर किसी प्रकार बच्चों को शांत कराया।
नहीं मिला जनप्रतिनिधियों का साथ- छत्तीसगढ़ के बिल्हा विधानसभा के मजदूर जब काफी परेशानी में थे तब वह बिल्हा विधानसभा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लगातार फोन लगाते रहे परंतु सभी के फोन आउट ऑफ कवरेज, स्विच ऑफ एवं घंटी गई तो भी कोई नहीं उठाया। मजदूर अजीत कुमार कोसले ने बताया कि हम लोगों ने अपने जनप्रतिनिधियों से संपर्क स्थापित करने की बहुत कोशिश की परंतु संपर्क स्थापित नहीं हो सका ना ही कोई मदद मिल सकी।