इंदिरा बैंक संघर्ष समिति ने दिया ज्ञापन
रायपुर । इंदिरा प्रियदर्शनी महिला नागरिक सहकारी बैंक घोटाले की लगभग बंद पड़ी जाँच को पुनःप्रारंभ करवाने और तत्कालीन बैंक मैनेजर के नार्को टेस्ट की CD को न्यायालय में पेश करवाने की माँग को लेकर इंदिरा बैंक संघर्ष समिति के द्वारा गृह मंत्री ,पुलिस महानिदेशक एवं रायपुर जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा गया ….
इंदिरा बैंक संघर्ष समिति के संयोजक कन्हैया अग्रवाल ,सुरेश बाफ़ना ,पुरुषोत्तम शर्मा ,शैलेश श्रीवास्तव एवं शंकर सोनकर ने उकताशय का बयान जारी करते हुए कहा कि सन 2006 में इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक आर्थिक अनियमितता के चलते बंद हुई थी ..उसके पश्चात बैंक घोटाले के गुनहगारों को सजा दिलवाने की बजाय बैंक को ही दिवालिया घोषित करने का कुचक्र रचा गया और बैंक के खातेदारों का आधा पैसा अंततः डूब गया….
बैंक घोटाले के गुनाहगारों को सजा दिलाने और खातेदारों के भुगतान की माँग को लेकर खातेदारों ने रायपुर बंद ,धरना ,प्रदर्शन ,ज्ञापन ,घेराव करने के साथ न्यायालय की शरण भी ली थी ….लाठी खाई -जेल गए पर आंदोलन लगातार चलता रहा ,जिसका परिणाम कुछ आरोपियों की गिरफ़्तारी और घोटाले के प्रमुख अभियुक्त बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्को एवं ब्रेन में मेपिंग टेस्ट के रूप में सामने आया ……
संघर्ष समिति ने कहा कि नार्को टेस्ट होने के बाद बैंक घोटाले की जाँच ठंडी पर दी गई ..नार्को टेस्ट की CD जारी हुई तो स्पष्ट हुआ की जाँच क्यों बंद हो गई थी …..ज्ञात हो की बैंक मैनेजर ने नारको टेस्ट में स्पष्ट स्वीकारोक्ति की है की बैंक घोटाले के मामले के आरोपियों को बचाने और मामले को दबाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ,राम विचार नेताम ,अमर अग्रवाल ,राजेश मुडत सहित अधिकारियों को करोड़ों रुपया दिए गए हैं …….
इंदिरा बैंक संघर्ष समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भेंट कर नार्को टेस्ट की CD न्यायालय में पेश करने के साथ ही नार्को की रिपोर्ट और दर्ज मामले के अनुरूप घोटाला करने वालों के ख़िलाफ़ जाँच कार्रवाई तेज गति से प्रारंभ करवाने ज्ञापन दिया ….पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पर तत्काल कार्रवाई हेतू आश्वस्त किया …..

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