लोक अदालत में बीमा कंपनी से 57 लाख रुपये में राजीनामा
अंबिकापुर। राष्ट्र विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरगुजा अंबिकापुर के मार्गदर्शन में 13 सितम्बर को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय सरगुजा अंबिकापुर अंतर्गत के सभी न्यायालयों, में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय एवं सीतापुर न्यायालय में लगभग साढ़े तीन हजार लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। किशोर न्याय बोर्ड के 95 तथा परिवार न्यायालय के 25 प्रकरणों का आपसी राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया एवं लाखों की संख्या में प्री-लिटिगेशन मामलों का निराकरण किया गया। इसी प्रकार राजस्व न्यायालयों में 13,316 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के.एल. चरयाणी के खण्डपीठ क्रमांक 01 के समक्ष निराकृत प्रकरणों में बीते 02 फरवरी 2025 को हुई एक बड़ी घटना में मृत एक ही परिवार के सदस्यों के प्रकरण का राजीनामा से निराकरण किया गया। घटना दिनांक को क्रेटा कार में सवार होकर एक ही परिवार के गोदावरी मिश्रा, अथर्व मिश्रा, प्रियंका मिश्रा, रवि प्रकाश मिश्रा, दिपांशु मिश्रा तथा उक्त परिवार के घर में काम करने वाली दुर्गा प्रजापति सभी प्रयागराज कुम्भ जा रहे थे, उसी समय ग्राम हाथीनाला के पास रानीताली मेन रोड, थाना-हाथी नाला, जिला सोनभद्र (उ.प्र.) में सामने से आ रही ट्रेलर का चालक अपनी वाहन को तेजी एवं लापरवाही पूर्वक चलाते हुए क्रेटा कार को ठोकर मारकर दुर्घटनाग्रस्त कर दिया था, जिसमें कार में सवार सभी सदस्यों को गंभीर चोटें आई थी, परिणामस्वरूप एक ही परिवार के सदस्य गोदावरी मिश्रा, अथर्व मिश्रा, प्रियंका मिश्रा, रविप्रकाश मिश्रा तथा उक्त परिवार के घर काम करने वाली दुर्गा प्रजापति की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। क्रेटा कार का चालक दुर्घटना के समय आरक्षक के पद पर पदस्थ था, जिसके संबंध में उनके परिवार के सदस्य द्वारा इस अधिकरण में उक्त मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा-166 के तहत अनावेदक दयाशंकर पाल, एस.एस. इन्फ्रा सोल्युशन एवं न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया था, जिसमें 13 सितम्बर को आयोजित लोक अदालत में आवेदकगण ने अनावेदक क्रमांक 3 बीमा कंपनी से खण्डपीठ क्रमांक 1 के पीठासीन अधिकारी के.एल. चरयाणी, अधिवक्ता सदस्य राष्ट्ररंजन मलतियार एवं शीला साहू के समक्ष स्वेच्छा से कुल 57 लाख रुपये में राजीनामा किया है। राजीनामा के कारण प्रकरण का निराकरण भी मात्र 5 माह के भीतर संभव हो सका है। उक्त प्रकरणों का निराकरण कम समयावधि में राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामा के अनुसार होने से पक्षकारों में संतुष्टि देखी गई।

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