बलरामपुर। ग्राम लुती में बांध टूटने से हुई भीषण दुर्घटना में सात निर्दोष ग्रामीणों की मौत और कई लोगों के घायल होने की घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। प्रशासनिक लापरवाही से हुई इस त्रासदी के विरोध में रविवार को सर्व आदिवासी समाज ने तातापानी एनएच-343 धान खरीदी केंद्र के पास सैकड़ों की संख्या में सड़क पर उतरकर चक्का जाम किया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज ने भी पूरा समर्थन दिया।
चक्का जाम आंदोलन की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे बलरामपुर के एसडीएम ने ग्रामीणों से चर्चा की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी हर मांग को सरकार तक पहुंचाया जाएगा तथा पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

ग्राम लुती की त्रासदी

02 सितंबर को बांध टूटने की भयावह घटना में सात ग्रामीणों की मौत हो गई थी। परिवार पूरी तरह उजड़ गए और गांव का जल स्रोत नष्ट हो जाने से ग्रामीणों के जीवन पर गंभीर संकट खड़ा हो गया। आज भी गांव का माहौल शोकाकुल और भयभीत है।

समाज की मांगें

आंदोलन के दौरान पीड़ित परिवारों एवं ग्रामीणों ने पांच प्रमुख मांगें प्रशासन के सामने रखीं
दोषियों पर कठोर कार्रवाई – घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों की जांच कर तत्काल निलंबन और कानूनी कार्यवाही की जाए।
उचित मुआवजा – मृतकों के परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रुपये और घायलों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
नौकरी की व्यवस्था – जिन परिवारों के कई सदस्य इस दुर्घटना में मारे गए हैं, उन्हें शासकीय नौकरी उपलब्ध कराई जाए। विशेषकर उस परिवार को, जिसके 6 सदस्य असमय कालकवलित हो गए।
आवास निर्माण – जिनका घर बह गया या क्षतिग्रस्त हो गया है, उनके लिए तत्काल पक्के मकानों का निर्माण प्रशासन द्वारा कराया जाए।
ग्राम का पुनर्विकास – बांध के पुनर्निर्माण का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए, जिससे गांव का जल स्त्रोत और आजीविका बहाल हो सके।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

Categorized in: