रायपुर। मंत्री टीएस सिंहदेव के पत्र को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि उनको पत्र सार्वजनिक नहीं करना था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करके सभी मुद्दों पर चर्चा करनी थी। विपक्ष को इससे बोलने का मौका मिल गया है। प्रभारी पुनिया ने मीडिया से चर्चा में कहा कि विधायकों का पत्र मिला है। विधायक दल की बैठक में विधायकों ने कार्रवाई की मांग की है। राष्ट्रीय नेतृत्व को पूरे मामले से अवगत कराऊंगा।

उन्होंने कहा कि सत्ता और संगठन के बीच सब कुछ ठीक है, कहीं कोई नाराजगी नहीं है। कोई विवाद की स्थिति नहीं है। भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बढ़िया काम कर रही है। पार्टी के अंदर सुझाव आते हैं, उस पर निर्णय लिए जाते हैं। निगम-मंडल-आयोग में जो जाते हैं, उन्हें संगठन के पद पर नहीं रखने का निर्णय सही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फिलहाल बदलाव की जरूरत नहीं है।

पंचायत विभाग से मुक्त करने का पत्र लिखने के बाद अब मंत्री टीएस सिंहदेव केंद्रीय नेताओं के सामने अपना पक्ष रखेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के बाद सिंहदेव सोमवार देर शाम दिल्ली रवाना हो गए। सिंहदेव ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सीनियर ऑब्जर्वर अशोक गहलोत ने 20 जुलाई को अहमदाबाद में बैठक का समय तय किया है। वे दिल्ली होकर अहमदाबाद जाने का कार्यक्रम बना चुके थे।

सिंहदेव ने कहा कि कोई नेता दिल्ली जाता है, तो हाईकमान से मिलने का समय मांगता ही है। मैंने भी समय मांगा है, मिलता है तो सभी मुद्दों पर बात होगी। उधर, सिंहदेव के विरोधी विधायक भी विधानसभा के मानसून सत्र के बाद दिल्ली जाने की तैयारी में है। प्रदेश में ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर जब सियासत गरम हुई थी, तब भी करीब 52 विधायक दिल्ली पहुंचे थे। विधायकों ने केंद्रीय संगठन पर मुख्यमंत्री नहीं बदलने का दबाव बनाया था। अब एक बार फिर वही परिस्थिति बनती नजर आ रही है।

कांग्रेस विधायकों ने सिंहदेव पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। इस पर सिंहदेव ने कहा कि सभी अनुभवी विधायक हैं। लंबे समय से राजनीतिक जीवन में हैं। उनका अपना दृष्टिकोण है। अगर उनको लगता है कि यह अनुशासनहीनता है, तो उनको अपनी राय रखने की स्वतंत्रता है। मैंने उस पत्र के माध्यम से बस अपनी मंशा सामने रखी थी। सिंहदेव ने कहा, पिछले दिनों केंद्रीय पंचायती राज मंत्री छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए थे। अपने दौरे की शुरुआत में ही उन्होंने टिप्पणी की थी कि छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आवास और रोजगार गारंटी में खराब काम कर रहा है। मैं अगर मंत्री हूं तो विभाग के खराब काम का पहला दायित्व मेरा है।

सिंहदेव ने कहा कि मैं उस विभाग में न रहूं, तो शायद बेहतर काम हो। कुछ प्रस्ताव थे, जो नहीं हो पा रहे थे। सिंहदेव ने कहा, वे 20 जुलाई को विधानसभा में नहीं रह पाएंगे। 21 को भी शायद न लौट पाएं। उस दिन विधानसभा में उनके विभागों से जुड़े प्रश्न होने हैं। उन्होंने कहा कि अगर नहीं आ पाऊंगा तो किसी साथी मंत्री ने निवेदन कर लूंगा कि मेरे विभागों के प्रश्नों का जवाब दे दें। 22 जुलाई को विधानसभा की कार्यवाही में आ जाऊंगा।

साभार – जागरण

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